आप नेता सोमनाथ भारती को मिली राहत, यूपी के अस्पतालों पर टिप्पणी मामले में कार्रवाई पर

आकाआसं. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता सोमनाथ भारती को राहत देते हुए उनके खिलाफ यूपी के सुल्तानपुर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। बता दें कि आप नेता ने उत्तर प्रदेश के अस्पतालों और स्कूलों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिसके चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। भारती के खिलाफ यूपी के सुल्तानपुर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। भारती ने इस मामले की सुनवाई नई दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में ट्रांसफर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने याचिका की प्रति उत्तर प्रदेश के सामने पेश करने का निर्देश दिया और 10 अप्रैल के अपने अंतरिम आदेश को पूर्ण कर दिया। भारती की तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। दवे ने कहा कि नोटिस जारी करने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। बता दें कि 10 अप्रैल को भारती की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था और निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी थी। भारती ने 10 जनवरी 2021 को अमेठी दौरे के समय मीडिया से बात करते हुए राज्य के स्कूलों और अस्पतालों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके चलते उनके खिलाफ अमेठी में एक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को जमकर फटकार लगाई। इतना ही नहीं कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर हुए खर्च का ब्योरा तक मांग लिया। दरअसल, यह मामला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के निर्माण से जुड़ा है। आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ही इसके निर्माण के लिए फंड्स मुहैया कराने में असमर्थता जता दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर आप सरकार को ही घेर लिया।बता दें कि दिल्ली में आरआरटीएस के निर्माण से दिल्ली का राजस्थान और हरियाणा से सडक मार्ग से संपर्क आसान हो जाता। हालांकि, इसके लिए दिल्ली सरकार ने फंड्स मुहैया नहीं कराए। इस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने आप सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के अंदर फंड्स की गणना की जानकारी के साथ एफिडेविट मुहैया कराएं। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाने की मांग वाली याचिका की खारिज सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें सभी राज्य सरकारों और संबंधित अथॉरिटीज से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल जाने की सलाह दी

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