बस्ती। लॉकडाउन का पहला दिन बुधवार भ्रम, कौतूहल, उहापोह व भय के बीच गुजरा। आगामी 20 दिन के दौरान संभावित परेशानियों की चिंता, हर घंटे जारी हो रहे सरकारी आदेश-निर्देश और नियमों को लेकर भ्रम, उहापोह और वायरस फैलने या रोकने को लेकर लोगों में कौतूहल देखा गया। एलान होते ही पुलिस प्रशासन मुस्तैद हो गया। लोगों को घर में कैद रहने की अपील करती लाउडस्पीकर पर आवाज गूंजने लगी। इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि लोगों को कोई परेशानी न हो।
इसके लिए पुलिसकर्मी पूरे शहर का निरीक्षण कर हालात की जानकारी लेती रही। खासकर गांधीनगर, रोडवेज, पुरानी बस्ती आदि क्षेत्र में पुलिस की कड़ी नजर रही। सड़क पर घूमते मिले लोगों से भी इस आशंका में पूछताछ की गई कि कहीं वो बाहर से तो नहीं आए हैं। बुधवार सुबह आठ बजे ही पुलिस फोर्स पूरे शहर में चिह्नित किए गए स्थानों पर तैनात हो गई थी। कमिश्नर अनिल कुमार सागर, आईजी आशुतोष कुमार, डीएम आशुतोष निरंजन, एसपी हेमराज मीणा, एडीएम रमेश चंद्र, एएसपी पंकज के अलावा अन्य अधिकारी क्षेत्र में जायजा लेते रहे। सभी एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और थाना-चौकी प्रभारी सुबह होते ही गश्त में निकल पड़े। हालांकि, शहर में सभी बाजार बंद होने और सड़क पर इक्का-दुक्का लोगों के ही नजर आने से पुलिस ने राहत की सांस ली। बाजार पूरी तरह से बंद रहे। हाईवे पर सन्नाटा दिखा। बस स्टैंड परिसर से बसें बाहर नहीं निकली। रेलवे स्टेशन पर टिकट खिड़की बंद रहीं। हाईवे से लेकर मुख्य बाजार में पुलिस और अधिकारियों की गाड़ियां राउंड ले रही थीं। आमजन को कोरोना से बचाने के लिए सतर्कता के मोर्च पर मुस्तैदी के साथ डटे चिकित्सक, मेडिकल स्टॉफ, प्रशासनिक अधिकारियों और स्वच्छता से जुडे लोगों को सहयोग देने में लोग तत्पर दिखे।
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