कोरोना वायरस के मरीजों की सेवा करने के लिए रिहाई की मांग,डाक्टर पर लगाया है योगी सरकार ने (NSA) राष्ट्रद्रोह

लोगों में जानकारी के अभाव के कारण यह महामारी बहुत घातक साबित हो सकती है.......!


कोरोना स्टेज-3 के खिलाफ लड़ने का  रोड मैप !


'मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी. अब मुझको फिर से आरोपी बनाने की कोशिश की जा कर रही हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दे. मुझको उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.'!


डाक्टरों व नर्सों की बहुत कमी है। 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार  ! 


लखनऊ। मथुरा जिला जेल में बंद डॉक्टर कफील खान ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कफील ने पत्र में कोरोना वायरस के मरीजों की सेवा करने के लिए रिहाई की मांग की है। साथ कोरोना स्टेज-3 के खिलाफ लड़ने का एक रोड मैप का जिक्र भी किया है। आपको बता दें कि डॉक्टर कफील सीएए, एनपीआर और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में गत वर्ष 13 दिसम्बर को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा के जिला कारागार में बंद है।


बालरोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान ने ट्वीट करते हुए कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की तारीफ की है। साथ ही उसके तीसरे चरण में पहुंचने की आशंका प्रकट करते हुए उससे बचने के उपाय सुझाए। उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी में लिखा, '20 वर्ष के अनुभव के आधार पर Corona Stage-3 के खिलाफ कैसे लड़ा जाए, उसका रोड मैप आपको देना चाहता हूं। जिससे इस महामारी से फैलते संक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके।'
उन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए 107 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों में 50,000 मरीजों को देखे जाने का हवाला देते हुए कहा है, 'हमारी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराई हुई है। डाक्टरों व नर्सों की बहुत कमी है। 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। आइसीयू केवल शहरों तक सीमित हैं। लोगों में जानकारी के अभाव के कारण यह महामारी बहुत घातक साबित हो सकती है। ऐसे में, स्वास्थ्य सेवाओं को अभी से मजबूत करने की जरूरत है।'
बता दें कि 19 मार्च को लिखे गए इस पत्र को उनकी पत्नी डॉ. शाबिस्ता खान ने उनके ट्विटर अकाउण्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय एवं संयुक्त राष्ट्र को बुधवार को टैग करते हुए ट्वीट किया। मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने पत्र भेजे जाने की पुष्टि की। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार दक्षिण कोरिया के समान अधिकाधिक जांच एवं निगरानी तथा चीन के समान अधिक दृढ़ता से सोशल डिस्टेंस लागू किया जाए। इसके अलावा रैपिड लैब टेस्टिंग सेण्टरों की स्थापना, हर जिले में कम से कम 100 आइसीयू, 1000 आइसोलेशन बेड, डाक्टरों-नर्सों, आयुष चिकित्सकों, निजी चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण आदि जैसी कई बातें कहीं हैं।


बता दें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ बयान देने के आरोप गोरखपुर के डॉ. कफील खान के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने डॉ कफील खान के खिलाफ रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है. शुक्रवार को डॉ. कफील खान जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन रासुका लगने से उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं


डॉक्टर कफील खान पर पिछले साल 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने कफील को जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था. डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ लगाने पर सवाल भी उठे थे. हालांकि उस समय पुलिस का कहना था कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी हुई है.


पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था. यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद डॉक्टर कफील खान ने कहा था, 'मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी. अब मुझको फिर से आरोपी बनाने की कोशिश की जा कर रही हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दे. मुझको उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.'


 


 


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