पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की कि नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 यह कानून 'असंवैधानिक' है और उनके संबंधित राज्यों में इसके लिए कोई जगह नहीं है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि उनके राज्य में इस कानून के लिए कोई जगह नहीं हैं. गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि केंद्र इस कानूनों को जबरदस्ती राज्यों में नहीं लागू कर सकती है.
इसी बीच केंद्र के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा कि यह कानून संविधान की सातवीं अनुसूची की केंद्रीय सूची के तहत बनाया गया है, इसलिए यह राज्यों के लिए बाध्यकारी है.इसके बाद ही केंद्र सरकार ने इस बारे में स्थिति साफ की है. गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'राज्यों को ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है जो संघ सूची में है.'
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