नागरिकता संशोधन कानून से देश के किसी भी नागरिक को परेशान होने की जरूरत नहीं -प्रधानमंत्री

 


 नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है. एक https://twitter.com/narendramodi ट्वीट कर उन्होंने कहा कि बहस, चर्चा और असहमति लोकतंत्र के जरूरी अंग हैं, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जनजीवन को बाधित करना कभी इस देश के संस्कारों में नहीं रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसक प्रदर्शनों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश से लेकर असम और पश्चिम बंगाल तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने इसे लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि यह कानून संसद के समर्थन से बना है और बड़ी संख्या में राजनीतिक पार्टियों और सांसदों ने इसे समर्थन देकर पारित कराया है. नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'ये कानून स्वीकार्यता, सहिष्णुता, करुणा और भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति का उदाहरण है.'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से देश के किसी भी नागरिक को परेशान होने की जरूरत नहीं है भले ही वह किसी भी धर्म का हो. उन्होंने लिखा, 'ये कानून सिर्फ उनके लिए है जो बाहर के देशों में कई साल से प्रताड़ना झेल रहे हैं और उनके लिए भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है जहां वे जा सकें.


https://twitter.com/narendramodi?s=20


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