दिल्ली में पूरी हिंसा स्थानीय लोगों ने की है-जामिया यूनिवर्सिटी
दि्ल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
स्थिति अब नियंत्रण में है, मैं दिल्ली के लोगों से कहूंगा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। दिल्ली पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है। हम जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान करेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे: दिल्ली पुलिस
जीटीबी नगर और शिवाजी स्टेडियम के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं, इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोग इस एक्ट के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। नागरिकता कानून के खिलाफ आज दिल्ली में प्रदर्शन काफी उग्र हो गया है। जामिया मिलिया के छात्रों ने आज इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। तमाम प्रदर्शनकारियों ने डीटीडीसी की बसों को फूंक दिया। हालांकि जामिया मिलाया के छात्रों की ओर से एक बयान जारी करके कहा गया है कि वह इस प्रदर्शन से अपने आपको अलग कर रहे हैं, इस प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा हुई है उससे वह खुद को अलग कर रहे हैं। जामिया के छात्रों की ओर से कहा गया है कि हमने हमेशा कहा है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक होना चाहिए। जामिया के छात्र हिंसा में नहीं शामिल इससे पहले जामिया मिलिया शिक्षक संघ ने तमाम छात्रों से अपील की है कि वह खुद को स्थानीय नेताओं के दिशाहीन प्रदर्शन से अलग रखें। वहीं छात्रों के प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस जामिया मिलिया के भीतर पहुंची और उसने यूनिवर्सिटी के गेट को बंद कर दिया। जामिया यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह पूरी हिंसा स्थानीय लोगों ने की है, इसमे जामिया के छात्र शामिल नहीं हैं।
शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार कॉमन मिनिमम एजेंडा पर चल रही है,
नागरिकता संशोधन एक्ट का कांग्रेस सहित तमाम दल विरोध कर रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना अभी तक इस पूरे मसले पर अपना रुख साफ नहीं कर सकी है।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह मसला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम इसपर अपना रुख साफ करेंगे। हालांकि उद्धव ठाकरे ने इस एक्ट को सावरकर की विचारधारा के खिलाफ बताया है। लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर बयान दिया उसपर ठाकरे ने साफ किया है कि हम प्रदेश में सरकार कॉमन मिनिमम एजेंडा पर चला रहे हैं नाकि विचारधारा के आधार पर। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार कॉमन मिनिमम एजेंडा पर चल रही है, हमारा सावरकर पर रुख अब भी वही है जो सरकार के गठन से पहले थे।
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